हम जी तो रहें हैं अपने वर्तमान present में परन्तु क्या पूरी तरह से जी पा रहें यदि हाँ तो बहुत अच्छा है और नहीं तो क्यों ? यह वर्तमान है क्या? what is present वर्तमान में जीना क्या कोई ख़ास प्रक्रिया है या वर्तमान में जीने का वास्तव में क्या अर्थ है कुछ ऐसे ही question यदा कदा हमारे मन को उद्देलित करते हैं।
what is present in Hindi | वर्तमान में कैसे जियें लेख के माध्यम से आज में जीने की कला का क्या महत्व है उसके बारे में संछिप्त चर्चा करेंगे अतः आप इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें और अपने आप से question करें की क्या वास्तव में हम वर्तमान में जीते हैं या फिर किसी और समय में।
what is present in Hindi | वर्तमान में कैसे जियें लेख के माध्यम से आज में जीने की कला का क्या महत्व है उसके बारे में संछिप्त चर्चा करेंगे अतः आप इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें और अपने आप से question करें की क्या वास्तव में हम वर्तमान में जीते हैं या फिर किसी और समय में।
What is present in Hindi | वर्तमान में कैसे जियें
वर्तमान या आज अर्थात अभी इसी तरह, बाकी सब भूत और भविष्य है। अभी का जो समय है वो वर्तमान है अतीत वो है जो आज, अभी इसी तरह से ठीक कुछ देर पहले बीत चुका है केवल एक जीव प्राणी और मानव की दृश्य और घटनाओ पर आधारित स्मृति है और अतीत जो आने वाला है वह अतीत और वर्तमान की है।
समस्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक पुर्व सम्भावित काल्पनिक स्मृति है जिसे हम अपने अतीत से लेकर वास्तविक वर्तमान में अपनी मजबूत इच्छा शक्ति और रचनात्मक कल्पना के आधार पर बनाते हैं और वास्तविकता में बदलने के लिए पूरी कोशिश करते हैं।
समस्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक पुर्व सम्भावित काल्पनिक स्मृति है जिसे हम अपने अतीत से लेकर वास्तविक वर्तमान में अपनी मजबूत इच्छा शक्ति और रचनात्मक कल्पना के आधार पर बनाते हैं और वास्तविकता में बदलने के लिए पूरी कोशिश करते हैं।
what is present in Hindi | वर्तमान में कैसे जियें |
अतीत (भूतकाल) समय | Past time
इस संसार में सबकुछ वर्तमान(आज,अभी,इसी वक्त, बिल्कुल अभी)में ही होता है जो होने के बाद अतीत में चला जाता है। निरन्तर चालयमान अदृश्य समय रेखा पर वर्तमान एक चालयमान अस्थिर बिन्दु समान है तथा उस समय रेखा के एक तरफ भूत (अतीत) और दूसरी तरफ आभाषी सम्भावित भविष्य (कल) है अतः वर्तमान समय रेखा पर निरंतर अपनी मौजूदगी के चिन्ह छोड़ते हुए भविष्य की ओर चलता ही रहता है। वर्तमान में छूटे ये चिन्ह ही अतीत बनाते हैं। और ये चिन्ह जैसे दृश्य, ध्वनि, स्पर्श, सुगंध, एहसास, वार्तालाप, शब्द, स्वाद, लिखित, मौखिक, तथा घटित होने वाली समस्त वास्तविक घटनाएं आदि के आधार पर समस्त जीवों के मस्तिष्क में भिन्न भिन्न स्मृति के रूप में सरंक्षित होते रहते हैं।
इस प्रकार संसार मे कुल जितने मनुष्य हैं उन सभी मनुष्यों के अतीत(स्मृति) आपस मे मेल नहीं खाती चाहे कुछ ही अंतर क्यों न हो परन्तु होगा जरूर।
अतीत हमारी स्मृति पर आधारित है जो हम अपने मस्तिष्क में वर्तमान होने वाली वास्तविक घटना चिन्हों के आधार पर स्वतः बनाते हैं इसलिए सभी के मस्तिष्क में अपनी भिन्न भिन्न स्मृति के आधार पर भिन्न भिन्न अतीत होगा भले ही क्यों न सभी मनुष्य एक स्थान पर एक साथ रहें।
Hindi Article- Time | समय एक अदृश्य शक्ति
इस प्रकार संसार मे कुल जितने मनुष्य हैं उन सभी मनुष्यों के अतीत(स्मृति) आपस मे मेल नहीं खाती चाहे कुछ ही अंतर क्यों न हो परन्तु होगा जरूर।
अतीत हमारी स्मृति पर आधारित है जो हम अपने मस्तिष्क में वर्तमान होने वाली वास्तविक घटना चिन्हों के आधार पर स्वतः बनाते हैं इसलिए सभी के मस्तिष्क में अपनी भिन्न भिन्न स्मृति के आधार पर भिन्न भिन्न अतीत होगा भले ही क्यों न सभी मनुष्य एक स्थान पर एक साथ रहें।
Hindi Article- Time | समय एक अदृश्य शक्ति
भविष्य ( आने वाला कल ) समय | Future time
भविष्य तो एक आभाषी सम्भावित कल्पना है जिसका होना य न होना दो स्थिति को दर्शाता है जिसमे केवल एक ही स्थिति वर्तमान में होगी दूसरी का निश्चित तौर पर समाप्त होना तय है।
भविष्य वर्तमान में प्रवेश करते हुए अतीत में जाता है क्योंकि वर्तमान अतीत का निर्माण करते हुए भविष्य की ओर अग्रसर है।
भविष्य वर्तमान में प्रवेश करते हुए अतीत में जाता है क्योंकि वर्तमान अतीत का निर्माण करते हुए भविष्य की ओर अग्रसर है।
अब हम समझते हैं कि आज (वर्तमान ) में कैसे जिये |How To Live in Present in Hindi
हमारा मस्तिष्क दो हिस्सों में है एक अवचेतन मन और दूसरा चेतन मन इसीलिए हम इंसानों की यह प्रवर्ती है कि हम रहते तो हमेशा आज में हैं सभी कार्य करते तो आज में परन्तु हमारी सोंच और हमारा मन या तो भविष्य में रहता या तो अपने अतीत में चला जाता।
आज अभी इसी वक्त हम जिस भी क्रिया में संलग्न हैं उसमे पूरी तरह से हैं या नहीं हैं, इसके प्रति कितने सजग हैं कितने सतर्क हैं और कितने जागरूक हैं। यह हमारे ऊपर निर्भर है।
जैसे यदि हम वर्तमान में कार या बाइक ड्राइव कर रहें पर सोंच कुछ और रहें हो सकता है कोई पिछली घटना या भविष्य की कोई योजना कार्य आदि वो चाहे सकारत्मक हो या नकारत्मक, और जब तक ड्राइव करते हैं तब तक उसी में डूबे रहते हैं हालाकि हम वर्तमान में हैं और हमे पता भी है कि हम कार ड्राइव कर रहें हैं क्योंकि ड्राइविंग हमारे अवचेतन मस्तिष्क में स्मृति के रूप में पहले से मैजूद है इसलिए उसपे मस्तिष्क का एक हिस्सा कार्यमान है परन्तु मस्तिष्क का दूसरा हिस्सा अतीत या भविष्य में कार्यमान है तो हम कह सकते हैं कि हम वर्तमान में तो हैं परन्तु अतीत या आभाषी संभावित भविष्य में जी रहें हैं। इससे स्पष्ट है हम ड्राइविंग के दौरान अपने वर्तमान को पूर्ण रूप से नहीं जी रहें।
जैसे कहीं अच्छी जगह घूमने गए जहाँ के सुंदर दृश्यों का आनंद लेने की बजाए हम किसी अतीत की घटना से संबंधित सोंच में चले गए या अपने भविष्य की चिंता में डूब गए तो क्या हम वहाँ पे मैजूद नज़ारे का वर्तमान में पूरा लुफ्त उठा सकते हैं ? नहीं क्योंकि हम उस उक्त अपने अतीत या आभाषी भविष्य की स्मृति में जी रहे होंगे आज हम कैसे जी रहें कैसा महसूस कर रहे हैं क्या सोंच रहें ये सब स्मृति के रूप में अतीत में जाने वाला है और भविष्य में ये स्मृतियों की पुनरावृति वर्तमान को प्रभावित करेगी।
आज कैसी भी स्थिति हो इसे पूरी शिद्दत के साथ सकारत्मक दृष्टि से प्रशन्नता पुर्वक जीने से आने वाला प्रत्येक पल से हमे आंतरिक मजबूती मिलती है और अच्छी स्मृति हमे आगे वर्तमान में बेहतर जीवन जीने में सहायक कारगर होगी।
वर्तमान सिचुएशन कैसी भी इससे आज ही निपटने का रास्ता खोजना होगा।
आज अभी इसी वक्त हम जिस भी क्रिया में संलग्न हैं उसमे पूरी तरह से हैं या नहीं हैं, इसके प्रति कितने सजग हैं कितने सतर्क हैं और कितने जागरूक हैं। यह हमारे ऊपर निर्भर है।
जैसे यदि हम वर्तमान में कार या बाइक ड्राइव कर रहें पर सोंच कुछ और रहें हो सकता है कोई पिछली घटना या भविष्य की कोई योजना कार्य आदि वो चाहे सकारत्मक हो या नकारत्मक, और जब तक ड्राइव करते हैं तब तक उसी में डूबे रहते हैं हालाकि हम वर्तमान में हैं और हमे पता भी है कि हम कार ड्राइव कर रहें हैं क्योंकि ड्राइविंग हमारे अवचेतन मस्तिष्क में स्मृति के रूप में पहले से मैजूद है इसलिए उसपे मस्तिष्क का एक हिस्सा कार्यमान है परन्तु मस्तिष्क का दूसरा हिस्सा अतीत या भविष्य में कार्यमान है तो हम कह सकते हैं कि हम वर्तमान में तो हैं परन्तु अतीत या आभाषी संभावित भविष्य में जी रहें हैं। इससे स्पष्ट है हम ड्राइविंग के दौरान अपने वर्तमान को पूर्ण रूप से नहीं जी रहें।
जैसे कहीं अच्छी जगह घूमने गए जहाँ के सुंदर दृश्यों का आनंद लेने की बजाए हम किसी अतीत की घटना से संबंधित सोंच में चले गए या अपने भविष्य की चिंता में डूब गए तो क्या हम वहाँ पे मैजूद नज़ारे का वर्तमान में पूरा लुफ्त उठा सकते हैं ? नहीं क्योंकि हम उस उक्त अपने अतीत या आभाषी भविष्य की स्मृति में जी रहे होंगे आज हम कैसे जी रहें कैसा महसूस कर रहे हैं क्या सोंच रहें ये सब स्मृति के रूप में अतीत में जाने वाला है और भविष्य में ये स्मृतियों की पुनरावृति वर्तमान को प्रभावित करेगी।
आज कैसी भी स्थिति हो इसे पूरी शिद्दत के साथ सकारत्मक दृष्टि से प्रशन्नता पुर्वक जीने से आने वाला प्रत्येक पल से हमे आंतरिक मजबूती मिलती है और अच्छी स्मृति हमे आगे वर्तमान में बेहतर जीवन जीने में सहायक कारगर होगी।
वर्तमान सिचुएशन कैसी भी इससे आज ही निपटने का रास्ता खोजना होगा।
वर्तमान स्थिति
हम अपने आप को वर्तमान अवस्था मे देख पा रहे हैं कार्य कर भी रहें हैं पर हमारा मन मस्तिष्क दोहरा ब्यवहार करता है कभी वह अतीत की किसी घटना में चला जाता है तो कभी भविष्य की चिंता में चला जाता है जिससे हम अपने वर्तमान को पूर्ण रूप से सजगता के साथ नहीं जी पाते। इसलिए हमें अपने अतीत में आवश्यकता पड़ने पर ही जाना चाहिये वो भी सकारत्मक पहलुओं पर जिनसे वर्तमान में कोई सहायता मिल सके और भविष्य निर्भर करता है आज पर इसलिए आज हम अपनी ज़िंदगी को कितनी स्फूर्ति और प्रशन्नता के साथ सकारत्मक सोंच के साथ जी सकते हैं।
आज कितना आनंद महसूस कर सकते हैं आज अपने कार्यों को कितने रचनात्मक तरीके से कर सकते हैं आज अपने साथ साथ किस किस को प्रसन्न कर सकते हैं आज और सिर्फ आज इसे आज अभी और इसी वक्त जीना होगा। क्योंकि जो अतीत में चला गया उसे दोहराने से उसमे जीने से कोई लाभ नहीं और भविष्य की चिन्ता क्यों करें बल्कि आज कुछ ऐसा करें ताकि कल हम अच्छा जी सकें।
आज कितना आनंद महसूस कर सकते हैं आज अपने कार्यों को कितने रचनात्मक तरीके से कर सकते हैं आज अपने साथ साथ किस किस को प्रसन्न कर सकते हैं आज और सिर्फ आज इसे आज अभी और इसी वक्त जीना होगा। क्योंकि जो अतीत में चला गया उसे दोहराने से उसमे जीने से कोई लाभ नहीं और भविष्य की चिन्ता क्यों करें बल्कि आज कुछ ऐसा करें ताकि कल हम अच्छा जी सकें।
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