मौत उड़ा ले गई मेरी ज़िन्दगी | Hindi Short Poem | Beautiful poems about death
सबकी ढाल और मजबूत सहारा था,
घर में भी सबसे प्यारा था
ज़िद थी पाने की सपनो को,
उम्मीदें थी मुझसे कई अपनो को
दर्द की अंतिम सीमा पर,
मरते छोड़ चली यूँ ज़िन्दगी
जरूरत मुझसे थी जिनको,
जुदा उनसे कर गई ज़िन्दगी
काफ़िला था चारों ओर से घेरे,
जा रहे थे साथ कई लोग मेरे
भरे थे सबके आँसूवों से चेहरे,
सब दिखते जैसे उजालो में अंधेरे
आये जो साथी हमदर्द हमारे
मन करे उठकर सबको गले लगा लूँ
मेरा रोना किसको दिखे और
घर मे भी रो रहीं थी कई ज़िन्दगी
कल तो बैठे थे साथ में सबके
आज मौत उड़ा ले गई मेरी ज़िन्दगी
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