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Showing posts with the label Hindi Short Story

वार्तालाप से परे | A story about tree to human talk

 वार्तालाप से परे | A story about tree to human talk  (दृश्य: एक शांत वन घास का मैदान, जिसमें पत्तों से छनकर सूरज की रोशनी आ रही है।  बीच में एक  पेड़ खड़ा है, जिसकी शाखाएँ आकाश की ओर फैली हुई हैं।  एक इंसान, हम उन्हें कायन कह सकते हैं, पेड़ के पास आते हैं, उनकी अभिव्यक्ति उत्सुक लेकिन सम्मानजनक होती है।) कायन : (पेड़ के पास जाकर, धीरे से बोलता है)नमस्ते।  (पेड़ हवा में धीरे-धीरे हिलता है, उसकी पत्तियाँ धीरे-धीरे सरसराती हैं।)  पेड़: (गहरी, गड़गड़ाती आवाज़ में)नमस्कार, पथिक।  आपको जंगल के इस शांत कोने में ऐसा क्या लाता है?  कायन: (आश्चर्यचकित, लेकिन शांत भाव में) मैंने हमेशा प्रकृति से जुड़ाव महसूस किया है, लेकिन आज मुझे विशेष रूप से आपकी ओर आकर्षण महसूस हुआ।  मुझे आशा है कि आपको मेरी बात पर आपत्ति नहीं होगी, लेकिन आपसे एक निश्चित ज्ञान निकलता है।  पेड़: (धीरे से हँसते हुए) आह, तुम समझदार हो, युवा हो शायद खोजी प्रवृत्ति के लगते हो।  मैंने कई वर्षों से ऋतुओं का बीतना, धूप और छाया का नृत्य और हवा की सरसराहट देखी है।  कायन : ...

Hindi Short Story in Hindi | आज और कल

अंकुर के 8 वें का परिणाम घोषित हुआ। अंकुर के दो दोस्त खुशी और अभिषेक उसके घनिष्टट दोस्त थे। बातों ही बातों में अभि ने खुशी से पूछा- '' इस बार छुट्टियों का क्या प्लान है। '' मैं अपनी फैमली के साथ बाहर जा रहा हूँ और खूब इंज्वाय करूँगा '' और अभि तुम - '' मैं तो बहुत सारी मूवी देखूँगा। ढेर सारा खेल भी खेल जाएगा ''। आनंद ने अंकुर से पूछा और आप - "मैं" ......... सोंच में पड़कर ुर सी ये सीक्रेट है .....। वह .......... अच्छा बच्चाू बड़ा प्लान है।

Funny Hindi Short Story of a boy in hindi | एक देहाती लड़का खईंच

एक देहाती लड़का (खईंच) शहर में मोहल्ले की गलियों में अपने मन में बड़बड़ाता हुआ चला आ रहा है और आसपास के मकानों को गौर से निहार रहा है जैसे पहचान कर रहा हो। सिर पर एक कद्दू और एक हाथ में झोला जिसमे कुछ सामान साथ में है जो अपने घर से लाया था।

Hindi Short Story-Pattiyan | पत्तियाँ

आकाश अपने माता पिता का इकलौता पुत्र था । उसके माता पिता उसे दुनिया में बहुत ही प्रिय थे । यही कुछ 6- 7 वर्ष उम्र होगी उसकी, परंतु उसने अपनी माँ को फोटो में ही देखा था। क्योंकि उसकी माँ बचपन में ही उसे छोड़ गई थी।  पिता रवि  बहुत ही बुरा इंसान था, वह इंसानों को बेवजह ही परेशान किया करता परंतु फिर भी वह अपने बेटे से अच्छा व्यवहार करता । रवि अपने बेटे को बहुत प्रेम करता था ।आकाश गांव के ही विद्यालय में पढ़ाई करता था ।   Story- Pattiya ( पत्तियाँ) आकाश अपने माता-पिता में सदैव अच्छाई  ही देखता था किंतु रवि की क्रूरता से ग्रामवासी भलीभांति परिचित थे। नशा जुआ, मारपीट, गाली-गलौज आदि उसके लिए सामान्य हो चुका था । इससे गांव के अन्य लोग भी प्रभावित हो रहे थे पूरा गांव उससे घृणा करता और उसे निकारता  रहता ।  रवि धन दौलत प्राप्त करने के लिए नए-नए षड्यंत्र रचता और लोगों को ठगता रहता है इसी से उसका जीवन चलता । उसकी पत्नी उसे प्रिय थी जिस का देहांत हो जाने के बाद वह दुनिया में अकेला हो गया शायद यही उसके बुरे होने का कारण था । उसके जाने का मात्र एक सहारा ...