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Hindi Story | Hindi Play | Hindi Play Scripts | Bhoodhan

Bhoodhan  Hindi Story | Hindi Play | Hindi Play Scripts |   यह  Hindi Story  बहुधन   Hindi Story पर आधारित है बहुधन की मूल कहानी का आधार लेकर वर्तमान  Hindi Play मंच को ध्यान में रखकर नाटकीय रूपांतरण किया गया है जिसके चलते कुछ परिवर्तन किये गए हैं परन्तु यह ध्यान रखा गया है की कहानी का मूल उद्देश्य वही हो। यह Hindi   Story Bhoodhan   Hindi Play Scripts   मातृभारती और प्रतिलिपि पर भी पढ़ सकते हैं।  

Hindi Story-Hatbhaagya | हतभाग्य

मैं तो उस वक़्त पूरी तरह टूट गई थी जब पिता के देहांत के बाद दो छोटे भाईयों के साथ घर का बोझ मेरे साथ आ गया। माँ तो बचपन मे ही छोड़ गई थी एक पिता का ही सहारा था वो भी मुझसे छीन लिया गया। क्या करूँ ........ कैसे जीवन की नाव को पार लगाऊँ, भगवान अब तुम्हारा ही सहारे सब कुछ छोड़ रहे हूँ मेरी तो हिम्मत ही नहीं हो रही है इस जीवन मे आगे चलने की, मन करता है अभी आत्महत्या कर लूँ पर कैसे ..... भगवान उन दोनो बच्चो का क्या होगा? जो अभी दुनिया ही नहीं देखी गई, बोलते बोलते सरिता के आँखों मे आँसूओं की धार बहने लगती है और फूट फूट कर भगवान के सामने रोने लगती है लेकिन फिर अपने आप मे साहस जुटाती है और मन मजबूत करती है '' नहीं नही हम कुछ हिम्मत करेंगे। होगा जीना होगा हमे अपने लिये न सही पर अपने दो भाईयों के लिये। हाँ हाँ जीना होगा। '' यही सब बाते सरिता के मन मे घूमने कर उसे परेशान कर रही थी वह अपने कच्चे घर के लिए, जिसमें केवल एक कमरा बना था और उस कमरे के सामने छोटे से आँगन मे बने मन्दिर के पास बैठे बैठे सलचंद थे। हो रहा था। आँगन के पास एक छोटी सी रसोंई भी थी जो टिन की चादर से ढकी थी

Hindi Story | Long Hindi Story | Bahoodhan | बहूधन

सेठ खेलावनदास अपने गाँव में बहुत जाने-माने पहुँचे हुये व्यक्ति थे धन-दौलत किसी भी प्रकार की कोई कमी न थी। उनके एकलौता ही पुत्र था। दुनिया समाज को देखते हुये उन्हे ये डर था कि पुत्र का विवाह करने पर यदि बहू ठीक न मिली तो बुढ़ापा नर्क समान हो जायेगा इसलिये वो अपने पुत्र का विवाह एक ऐसी कन्या से कराना चाहते थे जो उनके घर को स्वर्ग बना दे।  Read Also- Hindi Story- What will Now | अब क्या होगा