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Showing posts with the label Prose/Poetry

Short Hindi Poems | Hindi Poems | Hindi Kavita | Hindi Poetry

प्रस्तुत है आपके लिए Short Hindi Poems (  लघु हिंदी कवितायेँ ) जो अलग अलग  विषयों पर बहुत ही संछिप्त रूप में मेरे द्वारा लिखित हैं।  इन कविताओं में जीवन की कुछ अच्छी और सच्ची बातों का समावेश है जो वास्तिवकता को अप्रत्यक्ष रूप से  बयां करने का प्रयास करती  हैं।

Poem in Hindi-Duniya main | अपनी अपनी दुनिया में Hindi Poem

Poem in Hindi-Duniya main | अपनी अपनी दुनिया में Hindi Poem आज व्यस्तता भरी Life में हम सभी अपने आप में इतने व्यस्त हैं की पहले की तरह अब उतना time नहीं मिल पाता है किसी अपने  के साथ बिना कोई कारण के वक्त बिताया जा सके या कुछ पल साथ रहा जाये।  इस प्रकार का सयोंग अब किसी खास मौके पर ही बन पता है बाकी तो हम सभी अपनी अपनी दुनिया में ही रहते हैं हालात ऐसे बन चुके हैं कि आज भागदौड़ भरी लाइफ में हम चाह के भी पहले जैसा समय नहीं निकाल पाते हैं  ताकि किसी अपने के साथ बेवजह कुछ समय मुस्कराते हुए व्यतीत कर सकें अतः जब हम अपनी ही दुनिया में इतने व्यस्त हैं और सामने वाला भी, तो बाकी की खबर क्या होगी। online की दुनिया अलग है क्योकी  जितना आनंद और सौहार्द offline दुनिया में है उतना online दुनिया में नहीं।    Poem in Hindi Duniya mein अपनी अपनी दुनिया में मनुष्य की दुनिया से परे दुनिया पर प्रकाश डालेंगे।  जिस प्रकार हम सभी अपनी अपनी दुनिया में हैं उसी प्रकार इसी दुनिया में कोई और भी है जो अपनी अपनी Duniya mein है।

Hindi Short Poem | Childhood|बचपन मे जाना चाहता हूँ

हम कितने भी बड़े क्यों न हो जाएँ पर बचपन  Childhood  को कभी भी भुला नहीं सकते। कभी कभी मन उन   Childhood memories  में चला ही जाता है जब हम अपने आप को तनहा मह्सूस करते हैं या परेशान होते हैं । वैसे भी आजकल भागदौड़ भरी लाइफ में बहुत ही कम समय निकल पाता है अपनी उन  Childhood  memories  में जाने के लिए।  तो चलिए  इस Short  Hindi  Poem|Childhood बचपन मे जाना चाहता हूँ  के माध्यम से कुछ पल के लिए ही सही अपने  Childhood  में जाने का प्रयास किया जाये।  

Hindi short poems| दुनिया इतनी सरल नही

  जीवन के शुरुआत में हमें लगता है की दुनिया बहुत सरल है पर जैसे जैसे हम इसमें प्रवेश करते हैं वैसे वैसे सब कुछ स्पष्ट दिखाई देने लगता है और जब अपने किस उद्देश्य के लिए  किसी एक हिस्से पर फोकस करते तब पता चलता है की वास्तव में दुनिया क्या है।  Short Hindi poems  दुनिया इतनी सरल नही के माध्यम से संछिप्त विवरण को प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया है ,  हम सभी लोग चाहते है की हमारे सारे काम सरल तरीके से बन जाये पर स्थिति बिलकुल इसके विपरीत होती होती है। अनुभवी लोग जो काफी संघर्ष करके आगे बढे हैं इस दुनिया में वास्तविकता का पिटारा तो असल में उनके पास है। पर नए लोगो को लगता है आज ही शुरू किया और कल ही सबकुछ हांसिल होने लगेगा और इसी सोंच में कई गलतिया कर बैठते हैं क्योंकि जिस रास्ते पर चलना शुरू हुए थे उसकी पूरी जानकारी लिए बगैर ही आगे बढ़ गए। जिससे सामने समस्यों का पहाड़ खड़ा हो जाता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने आगे किसी की नहीं सुनते और उनको लगता है जो वो कर रहें है  वो ही सही है पर जब परिणाम मिलते हैं तो विल्कुल विपरीत होते हैं।   दुनिया इतनी सरल नही  Hindi short poems कुछ इसी के बारे म

Poem in Hindi | वो ही Friend होते हैं

Hindi Poem  | वो ही Friend होते हैं  Friend के बिना तो इस दुनिया में मानो कुछ है ही नही।  हमारे जीवन में अच्छे  Friends का होना बहुत जरुरी है।  एक यही तो सबसे सुन्दर रिस्ता है।  ऐसा कोई नहीं इस जग में जिसके   Friend न हों।  अब  वो कैसे हैं ये संगती पर निर्भर हैं।  प्रस्तुत है आपके लिए    Poem in Hindi  | वो ही Friend होते हैं  खाली हाथ इंसान यहाँ है आता ,इस सुंदर जग में  समय समय पर मिलते जो तौफे , वो ही दोस्त होते हैं 

Hindi Poem| Short Hindi Poem | तकलीफ़ बहुत होती है।

  Poem in Hindi | Short Hindi Poem | तकलीफ़ बहुत होती है। दुःख में होते बच्चे जब एक माँ को, तकलीफ़ बहुत होती है। बेटा/बेटी देने लगे जवाब, जब एक पिता को, तकलीफ़ बहुत होती । सफ़र में आधी दूर पहुँच गए,अब वापिस आने में, तकलीफ़ बहुत होती है ।

Hindi Short Poem on Nature | मैं हूँ तो तुम हो

Hindi Short Poem on Nature | मैं हूँ तो तुम हो इस सत्य को स्वीकार करना ही होगा कि जबतक इस पृथ्वी पर |  Nature |   हरियाली पेड़, पौधे, नदिया, आदि प्राकृतिक घटक है तब तक हम जीवों का जीवन सुरक्षित है बिना इसके हमारा कोई वजूद ही नहीं। तो बेहतर यही होगा कि हम इसका उपयोग ठीक प्रकार से करे, बिना हानि पहुचाये, तभी सम्भव हो पायेगा इस धरती पर बेहतर जीवन के लिए आवश्यक परिवेश और उचित परिस्थिति का बने रहना।   Hindi Short Poem on Nature | मैं हूँ तो तुम हो  Nature  पर आधारित है।

Hindi Short Poem | Don't compromise | समझौता मत करना

 Hindi Short Poem|Don't compromise| समझौता मत करना  बात तुम्हारे इज्जत की जब दांव लगाने की कोशिश हो  पीछे हट जाना पर समझौता मत करना  कठिन समय हो चाहे जितना चुप रह कर सह लेना  खुद पे रखना अटूट भरोसा आगे हाथ किसी के न फैलाना  सपनो को पूरा करने के लालच में पैरो किसी के न गिरना बात तुम्हारे ईमान को गंदा करने की कोशिश हो  पीछे हट जाना पर समझौता मत करना

Hindi Short Poem DEATH | मौत उड़ा ले गई मेरी ज़िन्दगी

मौत  उड़ा ले गई मेरी ज़िन्दगी | Hindi Short Poem | B eautiful poems about death सबकी ढाल और मजबूत सहारा था,  घर में भी सबसे प्यारा था ज़िद थी पाने की सपनो को, उम्मीदें थी मुझसे कई अपनो को  दर्द की अंतिम सीमा पर,  मरते छोड़ चली यूँ ज़िन्दगी  जरूरत मुझसे थी जिनको,  जुदा उनसे कर गई ज़िन्दगी काफ़िला था चारों ओर से घेरे, जा रहे थे साथ कई लोग मेरे भरे थे सबके आँसूवों से चेहरे, सब दिखते जैसे उजालो में अंधेरे जी करता है सबको अभी हँसा दूँ, चादर ओढ़े सफ़ेद अभी हटा दूँ आये जो साथी हमदर्द हमारे  मन करे उठकर सबको गले लगा लूँ मेरा रोना किसको दिखे और  घर मे भी रो रहीं थी कई ज़िन्दगी कल तो बैठे थे साथ में सबके  आज मौत उड़ा ले गई मेरी ज़िन्दगी Read Also- Dream in the eyes |आँखों मे जो सपने हैं ❖ ❖ ❖ ❖

I want to go back to my childhood | Hindi Short Poem

मैं वापिस अपने उस बचपन मे जाना चाहता हूँ..I want to go back to my childhood |  Hindi Short Poem  कुछ परेशान सा रहता है दिल न जाने क्यों  न चिन्ता न फिक्र वो सकूँन पाना चाहता हूँ 

Short Hindi Poems | Dream in the eyes |आँखों मे जो सपने हैं

Short Hindi Poems |आँखों मे जो सपने हैं जिसे न था नाता पहले , अब वो अपने हैं  पूरा करने निकले हैं, आँखों मे जो सपने हैं  

Hindi Story | Long Hindi Story | Bahoodhan | बहूधन

सेठ खेलावनदास अपने गाँव में बहुत जाने-माने पहुँचे हुये व्यक्ति थे धन-दौलत किसी भी प्रकार की कोई कमी न थी। उनके एकलौता ही पुत्र था। दुनिया समाज को देखते हुये उन्हे ये डर था कि पुत्र का विवाह करने पर यदि बहू ठीक न मिली तो बुढ़ापा नर्क समान हो जायेगा इसलिये वो अपने पुत्र का विवाह एक ऐसी कन्या से कराना चाहते थे जो उनके घर को स्वर्ग बना दे।  Read Also- Hindi Story- What will Now | अब क्या होगा 

Hindi Short Poem | जब आती तन्हाई

मायूसी,बैचैनी,घबराहट होती मन मे होती खुद से  लड़ाई  जब आती तन्हाई खुद को देखूँ ,बाते करूँ मैं खुद से सोंचा इतना नींद  न आई जब आती तन्हाई  कितना रोया कितना तड़पा  उसको याद न मेरी आई जब आती तन्हाई क्या करूँ क्या न करूँ कहाँ जाऊँ कहाँ बैठूँ किससे मिलूँ मैं ,कैसे दिल बहलाऊँ अकेला हूँ  कैसे मन समझाऊँ गिर कर उठता उठकर गिरता कितनी ठोकर खाई जब आती तन्हाई Read Also- Death took away my life | मौत उड़ा ले गई मेरी ज़िन्दगी Hindi Poem -Don't compromise| समझौता मत करना More Poem  |  Home