जीवन के शुरुआत में हमें लगता है की दुनिया बहुत सरल है पर जैसे जैसे हम इसमें प्रवेश करते हैं वैसे वैसे सब कुछ स्पष्ट दिखाई देने लगता है और जब अपने किस उद्देश्य के लिए किसी एक हिस्से पर फोकस करते तब पता चलता है की वास्तव में दुनिया क्या है। Short Hindi poems दुनिया इतनी सरल नही के माध्यम से संछिप्त विवरण को प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया है, हम सभी लोग चाहते है की हमारे सारे काम सरल तरीके से बन जाये पर स्थिति बिलकुल इसके विपरीत होती होती है। अनुभवी लोग जो काफी संघर्ष करके आगे बढे हैं इस दुनिया में वास्तविकता का पिटारा तो असल में उनके पास है। पर नए लोगो को लगता है आज ही शुरू किया और कल ही सबकुछ हांसिल होने लगेगा और इसी सोंच में कई गलतिया कर बैठते हैं क्योंकि जिस रास्ते पर चलना शुरू हुए थे उसकी पूरी जानकारी लिए बगैर ही आगे बढ़ गए। जिससे सामने समस्यों का पहाड़ खड़ा हो जाता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने आगे किसी की नहीं सुनते और उनको लगता है जो वो कर रहें है वो ही सही है पर जब परिणाम मिलते हैं तो विल्कुल विपरीत होते हैं। दुनिया इतनी सरल नही Hindi short poems कुछ इसी के बारे में है।
दुनिया इतनी सरल नही जो नज़र आये
अक्सर नए राही को दूर के ही डोल सुहाए
बड़ो की बातों का अब वो सम्मान रहा कहाँ
उल्टी ज़ुबाँ कैंची जैसी, माँ-बाप को सिखाए
दर्द तो होगा ही जब मारोगे पैर पे अपने कुल्हाड़ी
ज़िद में रहते अपनी धुन में सही राह कैसे दिखाए
नही है कोई मार्ग लघू , ऊँची चट्टानों पे चढ़ने का
अड़ियल बुद्धि ठोकर खाकर, वापिस लौट आये
जोश-उमंग है भरी कूट कूट कर जो अंदर तक
तोड़ हैं देती जर्रा जर्रा कठिन स्थिती जब आये
लगी है ठोकर जब , मुँह के बल गिर कर चले आये
खुद ही इतने जानिसकार थे तो कौन तुम्हे समझाए
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