सु रेश नरेश आपस में एक अच्छे मित्र होतें है सुरेश गम्भीर और नरेश थोड़ा मजाकिया होता है। वे अपने ननिहाल से ट्रेन के द्वारा अपने घर जाना चाहतें थें। अक्टूबर का महीना था जब हल्की-हल्की ठण्ड पड़ती है शाम के लगभग 5ः30 बजे थें। नरेश और सुरेश का ननिहाल कस्बे से कुछ दूर लगभग 3 कोश की दूरी पर था। वहाँ से रेल गाड़ी पकड़ने के लिये आते हैं। नगर में पहुँचने पर पता चलता है कि रेलगाड़ी अपने सही समय 6ः50 पर स्टेशन पहुँच जायेगी। और ऐसे छोटे स्टेशनों पर गाड़िया बहुत कम ही रुकती हैं। ट्रेन को पकड़ने के लिये नगर की बदहाल सड़को पर तेज़ी से पैदल ही चलतें है। क्योंकि ऐसे मार्गो पर वाहन भी अपने समय से नहीं मिलतें है। स्टेशन से कुछ ही दूर पहुँचने पर उनको रेलगाड़ी के आने की आवाज सुनाई पड़ती है। Read also - Funny Short Story of a boy in Hindi
Read online on page with Hindi Stylus and make a best memory Offline off Page.