मनाने आ गए जश्न मेरी तबाह में
आँखों के पर्दे नम हैं सूखने की चाह में
फूल मुरझाए तो बिछ गए कांटे राह में
ज़ीस्ते-रंग उड़ा लगे दुनिया बेरंग सी ये
भटक गए ठोकर से जीना है गुमराह में
फलक तक जाने का ख़्वाब टूट चुका
किनारे बहता हुआ पानी बना बराह में
बिखर गया रत्ती रत्ती तूफ़ा रुकने तक
बटोर रहे मिट्टी फूटते बोल हैं कराह में
दाग लगा दामन में तब हालत न देखी
मनाने आ गए सारे जश्न मेरी तबाह में
गए थे लाने आसमा महकते फूलों का
समझे न साज़िश को थे इतने फराह में
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हार कर ख़ुश हो लेंगें
ख़ुश होने दो जीतकर आज उन्हें
हम एक दिन हारकर ख़ुश हो लेंगें ।
देखने दो दुनिया पूरी चलकर उन्हें
हम अपनी दुनिया मे खुश हो लेंगें ।
दे देंगें सब वापिस जो है उनको
हम खाली हाथ होके खुश हो लेंगे ।
ये जद्दोजहद इतनी मुबारक उनको
हम चोट खाये फिरभी ख़ुश हो लेंगें ।
जोड़ लो अरमान जितने जोड़ सको
हम टूटे ही ख़्वाब लिए ख़ुश हो लेंगे ।
पा जाएं पहला औदा भागा - दौड़ में
हम आख़िरी पायदान पे ख़ुश हो लेंगें ।
बोलने का हक़ रहने दो उनके पास
हम सुनकर ही अब ख़ुश हो लेंगें ।
महफिलो में सब साथ बने रहे उनके
हम थे अकेले समझकर ख़ुश हो लेंगे ।
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तन्हाई अपना पता बता
तन्हाई ओ तन्हाई
कहाँ से है तू आई
घर का तेरा पता बता
है क्या ? मेरी खता बता
छोड़ के आऊं तुझको
है क्या ? वो रस्ता बता
कमजोर न समझ औरों की तरह
मंडराते फूलों पर भौरों की तरह
है मालूम हमे छोड़ गया जो अकेला
जज्बातों से बख़ूबी हर बार है खेला
बहुत चाहने वाले थे यहाँ मुझको
अंजान है अभी पता नही तुझको
दिल टूटा है प्यार भले ही रूठा
रहने दे मुझे न तू फ़ायदा उठा
बन सकती हमदर्द हमारी तो बन
थोड़ा सकून दे ज्यादा दर्द न बन
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