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Hindi poems | प्रेरणादायक हिन्दी कविता - सुंदर पहाड़

  प्रेरणादायक हिन्दी कविता -सुंदर पहाड़ | Best hindi poems सुंदर पहाड़  देखो लगते कितने सुंदर हैं पहाड़  शांत स्थिर न कोई इनमें है दहाड़  घमंड नही ज़रा अपनी सुंदरता पर मजबूती शान से खड़े अधीरता पर   ऊँचे  चढ़ना इतना आसान नही पर   अपनी ऊँचाई पे कोई अभिमान नही प्रकृति के हैं वो अमूल्य अभिन्न हिस्से कालो से धरती पे हैं  जुड़े कई किस्से  उनका अपना  कोई  ऐसा स्वार्थ नही  प्रकट स्वरूप दूजा कोई परमार्थ नही  प्रेरणादायक हिन्दी कविता -सुंदर पहाड़| Motivational Hindi Poems ऋषि  मुनि  का तप हो या  अविनाशी शिव का घर हो  जड़ी बूटियों का भंडार यहीं पर  अद्भुत हैं कई चमत्कार यहीं पर  नदियों का  द्वार यहीं पर झरनों की बहार यहीं पर जलधर निवास  यहीं पर  रश्मि पहली सूर्य यहीं पर  फट जाए  तो ज्वाला निकले  धरती  कोख से लावा निकले पिघले बर्फ जो सागर में मिले बदले मौसम सुंदर फूल खिले  हर मूर्ति है अंश जो तराशी इनसे हर मार्ग है पथ  जो चलता इनसे हरेक ईंट है जुड़ी दीवारें  खड़ी जिनसे   हर ऊँची इमारत का आधार है जिनसे हर सीढ़ी है घाट पवित्र नदी किनारे अलोकन है स्तब्ध दूर खड़ा निहारे  मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा महल, मकान

शब्दों का चुनाव | Art of Words

शब्दों का चुनाव कैसा हो | शब्द सरंचना का हमारे जीवन मे विशेष महत्व है जिसके आधार पर हमारी पहचान व स्वरूप परिलक्षित होता है | Art of Words [ Speaking, Written, Genral Talk, During Communication in the world ] विषय है - शब्द , बोल, मानव द्वारा प्रयोग में लाये गए शब्द, बातचीत की शैली, बोलचाल शब्द ।  वर्ण ( अक्षर ) एवं ध्वनि ( आवाज़ )  के समूह को शब्द कहा जाता है। इन शब्दों को उनके व्यूपत्ति, उत्त्पत्ति एवं प्रयोग के आधार पर विभाजित किया गया है। व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द के 3 प्रकार है - रूढ़, यौगिक, योग रूढ़। उत्पत्ति के आधार पर शब्द 4 प्रकार के होते हैं  - तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी। .. Read more Wikipedia वास्तव में शब्दों का हमारे जीवन मे विशेष महत्व हैं । शब्दों का चुनाव व प्रयोग कैसा हो यह आदर्श बातचीत के स्वरूप को दर्शाता है । शब्दों का उचित/ अनुचित अथवा सकारात्मक/नकारात्मक प्रयोग किसी के ह्रदय में स्वयं के व्यक्तित्व की पहचान का निर्माण करता है।  चाहे मन मे विचार प्रक्रिया हो, या मुख से बोला जाए, लिखा जाए, पढ़ा जाए , सोंच में हो, देखा जाए व सुना जाए, सभी मे शब्दों का अस्तित्व

नौकरी, मनोरंजन, परिवार और अध्धयन के बीच संतुलन कैसे बनाए | Balance in Life

नौकरी, मनोरंजन, परिवार और अध्धयन के बीच संतुलन कैसे बनाए मनुष्य स्वयं एक समय मे दो क्रियाकलापो को नही कर सकता ( कुछ कर्यों को छोड़कर ) प्रत्येक क्रियाकलाप के लिए एक आंशिक या पूर्ण समय निश्चित ही करना पड़ता है। जब एक कार्य खत्म हो जाता है तब दुसरे कार्य की शुरुआत होती है। जन्म से लेकर मृत्यु तक मनुष्य निरन्तर विभिन्न क्रियाकलापो में सलंग्न रहता है । समस्त क्रियाकलाप क्रमबद्ध होते हैं पर कुछ समानांतर हो सकते हैं । नौकरी, मनोरंजन, परिवार और अध्धयन के बीच संतुलन कैसे बनाए | Balance in Life हमारी ज़िंदगी बहुत छोटे छोटे पलों से मिलकर बन कर आगे बढ़ती चली जाती है। वास्तव में हमे प्रतीत होता ही कि हम अपने जीवन मे अग्रसर हो रहें हैं। जबकि हम जीवन के शुरुआत से अंत की तरफ यात्रा करते हैं। उम्र का नम्बर बढ़ता है पर वह जीवन के विपरीत दिशा में बढ़ता है । अर्थात हम उम्र के मामले में तो बढ़ते जाते हैं पर जीवन के मामले में घटते जाते हैं। प्रत्येक क्षण हम अपने जीवन का भाग खर्च करते जाते हैं। पर हमें ये नही मालूम होता कि हमारे जीवन मे और कितना भाग बचा है जबकि खर्च किया हुआ भाग या जीवन हमे पता होता है। सभी को 1 द

खुश रहने के लिए क्या करें | ख़ुश रहने की वजह | What to do to be happy

क्या खुश रहने की वजह हो सकती है  जिनसे वास्तविक ख़ुशी मिल सके   नही…..क्योंकि ख़ुश रहने की वजह आपको स्वयं तलाशनी होगी । कोई अन्य व्यक्ति मात्र बाहरी जगत से जुड़ी ढेरो वजह बता सकता है पर वास्तव में आपके अंदर ख़ुशी ला पाए ऐसी वजह का होना आपके ऊपर निर्भर है। खुश रहने के लिए क्या करें | What to do to be happy अगर आप ख़ुश रहने की वजह तलाशते हैं तो यह निश्चित है आप वास्तविक ख़ुशी का अनुभव नही कर सकते इसलिए खुशी के लिए कोई वजह तलाशने की बजाय आप स्वयं वजह बनिये और ख़ुश रहिए। मैने अनुभव किया है जब इंसान स्वयं की खुशी के लिए कोई न कोई वजह तलाशता है और उसे मिल भी जाती है तो कुछ दिन के लिए ही रहती है फिर उसे नई वजह की तलाश करनी पड़ती है । और यही क्रम पूरे जीवन चलता रहता है जबकि वह भूल जाता है कि उसकी अपनी खुशी की वजह वह स्वयं है। ठीक इसके विपरीत जब वजह नही मिलती तो वह ख़ुश नही रह पाता। वास्तविक ख़ुशी मन की आंतरिक शक्ति है, भाव है, एक एहसास है जो हमे अपने वर्तमान जीवन से प्राप्त होता है। आंतरिक ख़ुशी जिसे किसी बाह्य जगत में वजह का मोहताज नही होना पड़ता परन्तु जब तक हम सहज सरल और विवेकशील बुद्धि के मालिक नही

Hindi short poem | हिंदी लघु कविता | लघु हिंदी कवितायेँ

प्रस्तुत है आपके लिए    Hindi  Short  Poems ( लघु हिंदी कवितायेँ) जो अलग अलग  विषयों पर बहुत ही संछिप्त रूप में मेरे द्वारा लिखित हैं।  इन कविताओं में जीवन की कुछ अच्छी और सच्ची बातों का समावेश है जो वास्तिवकता को अप्रत्यक्ष रूप से  बयां करने का प्रयास करती  हैं।

Poem on mother in Hindi | माँ पर कविता | Hindi short poem on Mother

प्रस्तुत है माँ पर मेरी तीन लघु कवितायेँ  Poem on mother in Hindi निःशब्द हूँ क्या लिख दूँ माँ ? निःशब्द हूँ क्या लिख दूँ माँ ? नदी लिखूँ  या  सागर लिख दूँ, धरती लिखूँ या अम्बर लिख दूँ सब तो आगे हैं शून्य तुम्हारे, पास नही.. कोई शब्द हमारे निःशब्द हूँ क्या लिख दूँ माँ ? गुरु लिखूँ या भगवन लिख दूँ , इत्र लिखूँ या उपवन लिख दूँ न है दूजा जग में सिवा तुम्हारे, पास नही...कोई  शब्द  हमारे निःशब्द हूँ क्या लिख दूँ माँ ? पूजा लिखूँ या भक्ति लिख दूँ , ब्रह्मा लिखूँ या शक्ति लिख दूँ जन नही सकता सिवा तुम्हारे, पास नही ... कोई शब्द हमारे निःशब्द हूँ क्या लिख दूँ माँ ? माना कि  ये  लिखावट  मुझसे है.. पर इस क़लम में ताक़त तुझसे है स्वीकार  करो  मेरी ह्रदय भावना अंतर्मन से  निकली  जो खुदसे है  छोटा सा टुकड़ा हूँ तेरे ह्रदय का और पाया  तो ये जीवन तुझसे है आदि का पता नही अनन्त प्रेम है तेरा माँ    हर शब्द तो है तुझसे, क्या शब्द लिखूँ माँ सुबह सुबह प्यारा हाथ सिर पर रखकर माँ मुझको जगाती सुबह सुबह कितना भ

पृथ्वी दिवस | Earth Day

प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस एक वार्षिक आयोजन के रूप मे मनाया जाता है। अमेरकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 मे इसकी स्थापना की थी ताकि पर्यावरण सरंक्षरण को समर्थन मिल सके व इसे पर्यावरण शिक्षा के रूप मे देखा जा सके । नेल्सन के अनुसार पर्यावरण सरंक्षण हमारे लिये अति महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी पर हम सभी जीवों  का जीवन निर्भर है।  

Unsuccessful | विफलता Vs सफलता | Failure vs success | विफलता इंसान को कहना चाहती है।

विफलता इंसान को कहना चाहती है।  विफलता  Unsuccessful  इंसान को कहना चाहती है कि " अभी और तैयारी करने की आवश्यकता है" चुँकि आप अभी सफलता के लिए उपयुक्त मापदंड के अनुसार पूरी तरह से तैयार नही थे इसलिए फिरहाल आपको विफलता प्राप्त होगी ताकि सफलता  S uccess  के लिए पुनः तैयारी में लग जाए।

सुबह जल्दी कैसे उठे | Subah Jaldi kaise uthen | How to get up early in the morning

अपना समय जैविक ( प्रकृति) घड़ी से मिलाइये । और सुबह जल्दी से उठ जाइये।  इस लेख  सुबह जल्दी कैसे उठे | Subah Jaldi kaise uthen के माध्यम से सुबह जल्दी उठने का प्राकृतिक तरीका बताया गया है जो सबसे आसान है।  आपको बस इसे अपने जीवन में पूरी ईमानदारी के साथ  लागू करने की आवश्यकता है।  सुबह जल्दी कैसे उठे | Subah Jaldi kaise uthen  सुबह जल्दी कैसे उठे | Subah Jaldi kaise uthen    सुबह जल्दी उठना या न उठना कोई समस्या नही है यह स्वयं को प्राकृतिक समय से न मिला पाने के कारण होता है। पृथ्वी पर जैविक घड़ी स्थान परिवर्तन के हिसाब से भिन्न भिन्न होती है। और जैविक घड़ी निर्भर करती है सूर्य पर जिसके उदय होने से लेकर अस्त होने तक 12 घण्टे और अस्त होने के बाद उदय होने तक 12 घण्टे निर्धारित हैं। अब पृथ्वी पर सभी जीवों के अंदर जो ऊर्जा है वह तो सदैव उसके अंदर जीवन भर विद्यमान रहती है पर इस ऊर्जा के स्तर को संतुलित रखना पड़ता है ताकि हम जाग्रत अवस्था मे ऊर्जावान महसूस करें । जब हम जैविक घड़ी से ताल मेल नही बिठा पाते तो हमारी सभी इंद्रियों की कार्यप्रणाली में कुछ बदलाव आ जाते हैं जो स्वयं की सम

उत्साह कैसे बढ़ाये | उत्साह क्या है। what is Excitement

हम किसी का उत्साह कैसे बढ़ाएं। उत्साह बढ़ाने के लिए क्या आवश्यक जानकारी होनी चाहिए। वो कौन से ऐसे तरीके हैं जिनसे हम स्वयं के साथ साथ दूसरों के उत्साह में वृद्धि कर सकते हैं।  क्या जीवन में उत्साह का होना जरुरी है यदि हाँ तो कैसे आदि।