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नौकरी, मनोरंजन, परिवार और अध्धयन के बीच संतुलन कैसे बनाए | Balance in Life

नौकरी, मनोरंजन, परिवार और अध्धयन के बीच संतुलन कैसे बनाए

मनुष्य स्वयं एक समय मे दो क्रियाकलापो को नही कर सकता ( कुछ कर्यों को छोड़कर ) प्रत्येक क्रियाकलाप के लिए एक आंशिक या पूर्ण समय निश्चित ही करना पड़ता है। जब एक कार्य खत्म हो जाता है तब दुसरे कार्य की शुरुआत होती है। जन्म से लेकर मृत्यु तक मनुष्य निरन्तर विभिन्न क्रियाकलापो में सलंग्न रहता है । समस्त क्रियाकलाप क्रमबद्ध होते हैं पर कुछ समानांतर हो सकते हैं ।

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नौकरी, मनोरंजन, परिवार और अध्धयन के बीच संतुलन कैसे बनाए | Balance in Life

हमारी ज़िंदगी बहुत छोटे छोटे पलों से मिलकर बन कर आगे बढ़ती चली जाती है। वास्तव में हमे प्रतीत होता ही कि हम अपने जीवन मे अग्रसर हो रहें हैं। जबकि हम जीवन के शुरुआत से अंत की तरफ यात्रा करते हैं।

उम्र का नम्बर बढ़ता है पर वह जीवन के विपरीत दिशा में बढ़ता है । अर्थात हम उम्र के मामले में तो बढ़ते जाते हैं पर जीवन के मामले में घटते जाते हैं। प्रत्येक क्षण हम अपने जीवन का भाग खर्च करते जाते हैं। पर हमें ये नही मालूम होता कि हमारे जीवन मे और कितना भाग बचा है जबकि खर्च किया हुआ भाग या जीवन हमे पता होता है।

सभी को 1 दिन में 24 घण्टे ही मिलते हैं पर उस समय का प्रयोग उनके व्यवस्थित समायोजन पर निर्भर करता है। समय समायोजन में निपुर्ण होते हुए कोई भी उस एक समय मे विभिन्न प्रकार के क्रियाकलापो में संतुलन स्थापित कर सकता है।

ये सम्पूर्ण जीवन यात्रा एक समय से गुजरते हुए होती है। किसी व्यक्ति के लिए इस जीवन यात्रा की शुरुआत और अंत का निर्धारण उसके वश में नही है । पर इस के बीच का समस्त भाग उसके स्वयं पर निर्भर है कि वह इसे किस प्रकार व्यवस्थित कर सकता है । अब ये आप पर निर्भर है कि इस समूर्ण जीवन भाग को प्रतिवर्ष,प्रतिमाह, प्रति सप्ताह, प्रतिदिन व प्रति पल के हिसाब से विभाजित करते हुए कैसे नियंत्रित व व्यवस्थित कर सकते हैं।

  • नौकरी

चुँकि नौकरी में आपका प्रतिदिन समय भाग में से कुछ भाग,हिस्सा या समय किसी अन्य के नियंत्रण में होता है जिसके बदले आपको आय प्राप्त होती है । उस भाग में आप किसी दुसरे का कार्य उसके अनुसार करते हैं इसलिए आप अपना कोई कार्य नही कर सकते जबतक सामने वाला आपको परमीशन नही देता।

नौकरी से बचे बाकी समय भाग पर आपका है जिसको आप अपने अनुसार व्यवस्थिति कर सकते हैं।

  • अध्धयन

नौकरी से बचे बाकी भाग में आपको प्रथम रूप से कुछ भाग अध्ययन के लिए निर्धारित करना चाहिए ताकि वह आपके लिए भविष्य में सहायक हो ।

  • परिवार

अध्यन के बाद बाकी बचे भाग में से कुछ पल परिवार के साथ बिताना आवश्यक है जिससे स्वयं के साथ परिवार को भी प्रसन्नता का एहसास होता है।

  • स्वास्थ्य

स्वास्थ, के लिए ये आवश्यक नही की उसके लिए एक निश्चित समय निर्धारित किया जाए क्योंकि समूर्ण जीवन जीने का आनंद किसी व्यक्ति के लिए अच्छे स्वास्थ्य पर ही निर्भर है । इसलिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान तो हमेशा रखना पड़ेगा । आप चाहें जहाँ हों आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क, सचेत तो रहना पड़ेगा, ।

शुद्ध भोजन व पानी की उचित मात्रा, प्राथमिक रूप से स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है आपको आंतरिक रूप से मजबूती प्रदान करता है इसलिए भोजन करते समय आपका ध्यान उसी पर केंद्रित होना चाहिए । तत्पश्चात अन्य क्रियाकलाप में सम्मलित हों। समय पर खान- पान आपके ऊपर ही निर्भर है शरीर के लिए क्या आवश्यक है क्या नही ये सब आप स्वयं तय कर सकते हैं। स्वास्थ संबंध में समय भाग दिन में कई बार खर्च करना होता है पर यह बहुत क्षणिक होता है।

आप इस संबंध में अपने समय भाग में से कुछ भाग सुबह के समय खर्च कर सकते हैं और , दौड़ना,टहलना,योगा, जिम, आदि क्रियाओं को अपनी आदतों में शामिल कर सकते हैं। ताकि आंतरिक व बाह्य रूप दोनो में आप ऊर्जावान बने रहें पर इसमें नियमितता होना आवश्यक है।

  • मनोरंजन

मनोरंजन तो आप अपने समस्त क्रियाकलापो के निरंतर चलते रहने से भी कर सकते हैं। जैसे ही कोई पल खाली मिले मनोरंजन कर सकते हैं। चूँकि मनोरंजन मानसिक स्तर पर आंतरिक प्रसन्नता के लिए आवश्यक है। इसलिए प्रत्येक पल आप खुद में रोमांचित हो सकते हैं । कोई भी क्रियाकलाप हो सभी मे आपको प्रसन्नता पुर्वक संलग्न रहते हुए मनोरंजन के लिए छोटे छोटे पलो को तलाशने की जरूरत है। क्योंकि ज़िदगी छोटे छोटे पलों से ही बनी है। जब कहीँ मौका मिला हँस लिया, कोई विचार पढ़ लिया, अपनी पसंद का काम कर लिया, संगीत सुन लिया, कोई छोटी वीडियो देख ली, कभी आपस मे जोक कर लिया, किसी को अपनी बातों से प्रसन्न कर दिया, चलते चलते अपनी पसंद की कोई वस्तु ले ली, कुछ स्वाद ले लिया, आदि । अब यदि आप मनोरंजन के लिए विशेष रूप से एक बड़ा समय भाग चाहते हैं तो आप प्रति माह या प्रति हफ्ते के हिसाब से किसी एक सम्पूर्ण दिन समय भाग का चुनाव कर सकते हैं। और इसको जीवन मे नियमित कर सकते हैं।

अतः यदि आप सभी क्रियाकलापों में एक साथ सलग्न रहते हुए संतुलन स्थापित करना चाहेंगे तो हो सकता है आप तनाव ग्रस्त हो जायें इसलिए बेहतर यही होगा समय का समायोजन कर लें बाकी सब संतुलित हो जाएगा ।

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